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6 Mukhi Rudraksha Pendant (छह मुखी रुद्राक्ष पेंडेंट)

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6 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। भगवान कार्तिकेय के 6 मुख हैं और इसीलिए 6 मुखी रुद्राक्ष उनसे संबंधित है। इस रुद्राक्ष को पहनने वाले व्‍यक्‍ति को भगवान कार्तिकेय से योद्धा के गुण एवं साहस मिलता है।
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Description

छह मुखी रुद्राक्ष पेंडेंट (6 Mukhi Rudraksha Pendant)

छह मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। भगवान कार्तिकेय के 6 मुख हैं और इसीलिए 6 मुखी रुद्राक्ष उनसे संबंधित है। इस रुद्राक्ष को पहनने वाले व्‍यक्‍ति को भगवान कार्तिकेय से योद्धा के गुण एवं साहस मिलता है। वह निडर बनता है और चुनौतियों का सामना करने का साहस मिलता है।

छह मुखी रुद्राक्ष पेंडेंट के लाभ (Benefits of 6 Mukhi Rudraksha Pendant)

  • छह मुखी रुद्राक्ष पहनने से जीवन में संतुलन आता है। इससे एकाग्रता और ध्‍यान लगाने की क्षमता में वृद्धि होती है।
  • मंगल से संबंधित होने के कारण ये रुद्राक्ष मंगल ग्रह से जुड़े क्षेत्रों में लाभ पहुंचाता है और मंगल के कुप्रभाव को भी दूर करता है।
  • ये थकान, आलस और मंदता को दूर करता है। अगर आपका मन अपने कामों में नहीं लगता है तो आपको इस रुद्राक्ष को जरूर पहनना चाहिए।
  • वाहन और जमीन-जायदाद का सुख इस रुद्राक्ष से पा सकते हैं।
  • घुटनों और हड्डियों में दर्द से परेशान व्‍यक्‍ति के लिए ये रुद्राक्ष फायदेमंद है। इससे बवासीर और आर्थराइटिस से भी राहत मिलती है।
  • मोटापे से परेशान हैं और कई जतन करने भी इससे मुक्‍ति नहीं मिल पा रही है आपको अपने प्रयासों में सफलता 6 मुखी रुद्राक्ष दिला सकता है।

छह मुखी रुद्राक्ष पेंडेंट की प्रयोग विधि (How to Wear 6 Mukhi Rudraksha Pendant)

मंगल से संबंधित होने के कारण 6 मुखी रुद्राक्ष को मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए। मंगलवार की प्रात: स्‍नान कर के स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें और घर के पूजन स्‍थल में बैठ जाएं। ध्‍यान रहे आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। अब 108 बार ‘ऊं ह्रीं हूं नम:’ मंत्र का जाप करें। अब छह मुखी रुद्राक्ष पर चंदन का तिलक लगाएं और लाल रेशमी धागे में बांधकर इसे गले या हाथ में धारण कर लें। आप रुद्राक्ष को चांदी या सोने की चेन में भी धारण कर सकते हैं।

छह मुखी रुद्राक्ष पेंडेंट हमसे क्‍यों लें

Jyotishhelp द्वारा भेजा गया छह मुखी रुद्राक्ष प्रमाणित है और अनुभवी आचार्य एवं पंडित जी द्वारा अभिमंत्रित करने के बाद ही इसे आपके पास भेजा जाएगा ताकि आपको इसका तुरंत और संपूर्ण लाभ मिल सके।

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