रुद्राक्ष (Rudraksha) भगवान शिव को अतिप्रिय है। माना जाता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं, उनके ऊपर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। रुद्राक्ष धारण करने के धार्मिक ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं, जैसे रक्तचाप, हृदय रोग आदि में भी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक माना जाता है। 1 मुखी रुद्राक्ष से लेकर 21 मुखी रुद्राक्ष तक पाए जाते हैं। इन सभी रुद्राक्ष की अपनी एक अलग महिमा होती है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि इसे धारण करने से संकटों का नाश होता है व जातक को ग्रहों की अशुभता से भी मुक्ति मिलती है। रुद्राक्ष धारण करने के कई फायदे हैं, लेकिन रुद्राक्ष धारण करने से पहले इससे जुड़े नियमों को जानना बेहद आवश्यक होता है।
रुद्राक्ष धारण करने के नियम -
- रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें।
- रुद्राक्ष बेहद पवित्र होता है इसलिए इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें।
- रुद्राक्ष को सोमवार के दिन शिव जी के मंत्र ऊं नमः शिवाय का उच्चारण करके धारण करना चाहिए।
- स्वयं का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी भी किसी दूसरे को धारण करने के लिए नहीं देना चाहिए।
- रुद्राक्ष को वैसे तो केवल धागे में माला की तरह पिरोकर भी धारण किया जा सकता है, लेकिन इसके अलावा आप चांदी या सोने में जड़वाकर भी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
- रुद्राक्ष धारण करने वालों को मांस, मदिरा या अन्य किसी भी प्रकार से नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।